अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: भारत के सबसे दूरस्थ और अछूते राष्ट्रीय उद्यानों की मार्गदर्शिका

बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शायद भारत का सबसे कम खोजा गया क्षेत्र है। लगभग 570 द्वीपों का यह द्वीपसमूह नीले पानी, हरे-भरे जंगलों, समुद्री जीवन और समृद्ध इतिहास से भरा हुआ है। इनके अद्वितीय राष्ट्रीय उद्यान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को अलग बनाते हैं – ये कुछ ऐसे जैव विविधता से भरपूर क्षेत्र हैं जो न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, साहसिक गतिविधियाँ और भारत के अनछुए वन्य जीवन का अनुभव एक अनूठा अनुभव प्रदान करते हैं।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की भौगोलिकता और जैव विविधता का एक परिचय

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित राष्ट्रीय उद्यानों का दौरा करने से पहले, इस क्षेत्र की भौगोलिकता और जीव-जंतुओं को समझना महत्वपूर्ण है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारतीय उपमहाद्वीप के 1,200 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। निकोबार द्वीप समूह अब तक अनछुए हैं और यहाँ कुछ आदिवासी जातियाँ, जैसे निकोबारीज़, निवास करती हैं, जबकि अंडमान द्वीप समूह बस चुके हैं और यहाँ का मुख्य शहर पोर्ट ब्लेयर है।

इन द्वीपों में घने जंगल, रंगीन कोरल रीफ्स, सुंदर समुद्र तट और वन्यजीव हैं जो इस क्षेत्र में विशेष और अद्वितीय हैं। यहाँ पाई जाने वाली अधिकांश वनस्पतियाँ और जीव कहीं और नहीं पाई जातीं, जिससे यह क्षेत्र जैविक अध्ययन और संरक्षण के लिए एक प्रमुख स्थल बन जाता है।

1. रिची का द्वीपसमूह: एक छिपे हुए स्वर्ग की खोज

रिची का द्वीपसमूह अंडमान द्वीप समूह का सबसे सुंदर और आकर्षक राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यह पोर्ट ब्लेयर से उत्तर में स्थित है और द्वीपसमूह के सबसे दूरस्थ और आकर्षक स्थानों में से कुछ का घर है। इस पार्क में उष्णकटिबंधीय वर्षा वन, कोरल रीफ्स और अद्वितीय समुद्र तट हैं।

नॉर्थ रीफ रिची के द्वीपसमूह में स्कूबा डाइविंग और स्नॉर्कलिंग का स्वर्ग है। यहाँ की कोरल, मछलियाँ और अन्य समुद्री जीवन की विविधता अद्वितीय है। तटीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले मैंग्रोव वन जलवायु परिवर्तन और तट के कटाव से बचाव करते हैं और यहाँ पक्षियों, सरीसृपों और अन्य समुद्री जीवों के लिए एक सुरक्षा प्रदान करते हैं।

यह क्षेत्र कम पर्यटकों द्वारा देखा जाता है, जो शांति और प्रकृति के करीब रहने के इच्छुक होते हैं। यहाँ का प्रवेश अनुमति-आधारित होता है, क्योंकि यह एक संरक्षित क्षेत्र है।

 2. महात्मा गांधी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान: एक डूबा हुआ स्वर्ग

महात्मा गांधी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान, जो दक्षिण अंडमान द्वीप के पूर्वी तट पर स्थित है, अंडमान द्वीप समूह का सबसे प्रमुख और पारिस्थितिकीय रूप से महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान 281 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें भूमि और समुद्री दोनों प्रकार के आवास शामिल हैं। यहाँ के आवासों में मैंग्रोव वन, कोरल रीफ्स और टर्टल द्वीप और कथबर्ट बे जैसे द्वीप शामिल हैं।

यह स्थान कोरल गार्डन, समुद्री कछुए और उष्णकटिबंधीय मछलियों से भरा हुआ है। यह स्थान स्नॉर्कलिंग, डाइविंग और कयाकिंग जैसी जल गतिविधियों के लिए बेहतरीन है। यहाँ के कोरल रीफ्स विश्व के सबसे स्वच्छ रीफ्स में से माने जाते हैं। **जॉली बॉय द्वीप** और **रेड स्किन द्वीप** डाइविंग के लिए प्रसिद्ध हैं। घोंसला बनाने के मौसम में, पर्यटक समुद्री कछुओं को समुद्र तटों पर अंडे देने का दुर्लभ अवसर देख सकते हैं।

 3. माउंट हैरियट राष्ट्रीय उद्यान: बादलों में ट्रेकिंग

जो लोग भूमि-आधारित साहसिक गतिविधियों में रुचि रखते हैं, उनके लिए माउंट हैरियट राष्ट्रीय उद्यान एक आदर्श स्थल है। माउंट हैरियट, जो अंडमान द्वीप समूह की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है, से यह राष्ट्रीय उद्यान बेहतरीन दृश्य प्रस्तुत करता है, जहाँ से बंगाल की खाड़ी और आसपास के द्वीपों का शानदार दृश्य दिखाई देता है।

यह पार्क घने जंगलों और कई प्रकार की प्रजातियों से समृद्ध है, जैसे अंडमान जंगली सूअर, जंगली सूअर और अंडमान सफेद सिर वाला स्टार्लिंग। बोटनी और पर्यावरण प्रेमियों के लिए यहाँ की वनस्पति विविधता भी आकर्षक है।

यहाँ का माउंट हैरियट से माधुबन ट्रेक 16 किलोमीटर लंबा है, जो एक बेहतरीन अनुभव प्रदान करता है। इस ट्रेक में ट्रैकर्स को विभिन्न पारिस्थितिकीय क्षेत्रों का अनुभव होता है, और माउंट हैरियट से अंडमान द्वीप समूह का दृश्य वाकई मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।

 4. ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिजर्व: जैव विविधता का हॉटस्पॉट

ग्रेट निकोबार द्वीप पर स्थित ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिजर्व, आर्किपेलेगो का सबसे दूरस्थ और पारिस्थितिकीय रूप से विविधतम क्षेत्र माना जाता है। यह 1,000 वर्ग किलोमीटर का यूनेस्को बायोस्फीयर रिजर्व अद्वितीय वन्यजीवों और पारिस्थितिकियों का घर है।

इस रिजर्व में उष्णकटिबंधीय वर्षा वन, मैंग्रोव दलदल और विस्तृत समुद्र तट शामिल हैं। यहाँ दुर्लभ और संकटग्रस्त जीवों में निकोबार कबूतर, विशाल लेदरबैक कछुआ और कम ज्ञात अंडमान और निकोबार मगरमच्छ शामिल हैं। ग्रेट निकोबार द्वीप पर शोम्पन और ग्रेट निकोबारिस जैसी आदिवासी जातियाँ निवास करती हैं, जो पृथक जीवन जीती हैं और पारंपरिक जीवनशैली को बनाए रखती हैं।

जैव विविधता: ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिजर्व में अत्यधिक जैव विविधता पाई जाती है। यहाँ के समुद्री जल में मछलियाँ, डॉल्फिन और समुद्री कछुए बसी हुई हैं, जबकि जंगलों में वनस्पतियाँ और जीवों की विस्तृत विविधता पाई जाती है, जिनमें से कुछ प्रजातियाँ पृथ्वी पर कहीं और नहीं पाई जाती हैं।

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 5. बारातांग द्वीप: मैंग्रोव और चूना पत्थर की गुफाएँ

बारातांग द्वीप अपनी प्रभावशाली चूना पत्थर की गुफाओं और विशाल मैंग्रोव वनस्पतियों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की अद्भुत भू-रचनाओं को बारातांग द्वीप नेशनल पार्क द्वारा संरक्षित किया गया है।

यहाँ के जलमार्ग मैंग्रोव से पूरी तरह से घिरे हुए हैं, जो पर्यटकों को चूना पत्थर की गुफाओं तक पहुँचने के लिए नावों द्वारा यात्रा करने का अवसर प्रदान करते हैं। ये गुफाएँ प्राकृतिक चमत्कार हैं, जो धीरे-धीरे अपरदन के कारण बनी हैं। द्वीप पर पाए जाने वाले कुछ वन्यजीवों में जंगली सूअर, बंदर और विभिन्न पक्षी शामिल हैं।

बारातांग द्वीप बहुत अधिक भीड़-भाड़ वाला नहीं है, जिससे यहाँ के पर्यटक शांति से इस स्वर्ग का आनंद ले सकते हैं। यहाँ की चूना पत्थर संरचनाएँ और मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र अंडमान द्वीप समूह के भूविज्ञान का दुर्लभ दृश्य प्रदान करते हैं।

 निष्कर्ष: प्रकृति प्रेमियों के लिए एक साहसिक स्थल

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रकृति प्रेमियों, संरक्षणवादियों और साहसिकता के शौकिनों के लिए एक अनदेखा स्वर्ग है। भारत के राष्ट्रीय उद्यानों में से ये कुछ ऐसे हैं जो सबसे कम प्रभावित और पर्यावरणीय रूप से समृद्ध हैं, जो भूमि और समुद्री दोनों प्रकार की प्रजातियों का संरक्षण करते हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आपको प्रकृति के सबसे अच्छे रूप का अनुभव मिलेगा – गहरे वर्षा वन में ट्रेकिंग, कोरल रीफ्स की सैर, या दूरदराज के समुद्र तटों की खोज।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: भारत के सबसे दूरस्थ और अछूते राष्ट्रीय उद्यानों की मार्गदर्शिका

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