दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे अरविंद केजरीवाल में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अचानक वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ हमलावर हो गए हैं और दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर सख्त लहजे में सवाल खड़े कर रहे हैं। चुनावी माहौल को देखते हुए अरविंद केजरीवाल बांग्लादेश का मुद्दा भी उठा रहे हैं, जैसे उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव में रुपये की वैल्यू बढ़ाने के लिए नोटों पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीरें डालने का सुझाव दिया था।
कानून व्यवस्था पर सवाल
दिल्ली की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने के अगले ही दिन प्रशांत विहार में हुए धमाके के बाद अरविंद केजरीवाल को सवाल उठाने का एक और मौका मिल गया। धमाके की यह घटना महीने भर पहले सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए धमाके के बाद दूसरी घटना है। प्रशांत विहार की घटना को लेकर अमित शाह को निशाना बनाते हुए अरविंद केजरीवाल ने सोशल साइट X पर लिखा, ‘कृपया नींद से जागिए और अपनी जिम्मेदारी निभाइए’। इसी बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने दिल्ली में बढ़ते अपराध पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है।
अमित शाह पर आरोप
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने हाल ही में आरोप लगाया था कि दिल्ली के एक इलाके में बीजेपी के गुंडों ने अरविंद केजरीवाल को घेर लिया था। अरविंद केजरीवाल नांगलोई जाट में एक परिवार से मिलने गए थे। इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी के आधिकारिक X हैंडल से लिखा गया, ‘गैंगस्टर परस्त बीजेपी की गुंडागर्दी का एक और नमूना… अरविंद केजरीवाल बीजेपी की बिगड़ी कानून व्यवस्था से पीड़ित एक परिवार से मिलने नांगलोई जाट जा रहे थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने वहां अपने गुंडे तैनात कर दिए… केजरीवाल को अगर कुछ हो गया तो अमित शाह और दिल्ली पुलिस इसके जिम्मेदार होंगे।’
चुनावी रणनीति
गौर करने वाली बात यह है कि अरविंद केजरीवाल इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लेते। यह आम आदमी पार्टी की चुनावी रणनीति का हिस्सा लगता है, जो पहले भी चुनावों के दौरान देखा जा चुका है। नाम लेकर प्रधानमंत्री मोदी को टार्गेट करने से बचने की यह रणनीति पहले भी देखी जा चुकी है। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के काफी पहले से ही अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेना लगभग बंद कर दिया था।
मोदी पर मौन
अरविंद केजरीवाल का यह रुख समझ में आता है कि वह मोदी विरोध से होने वाले नुकसान से बचने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली की सभी सात सीटें बीजेपी को मिलना यही बताता है कि वे सीटें मोदी के नाम पर ही मिली हैं। अरविंद केजरीवाल का अमित शाह को निशाना बनाना एक रणनीतिक कदम हो सकता है, जिससे वह केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी को निशाने पर ला सकते हैं, बिना प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर अरविंद केजरीवाल का यह नया रुख और रणनीति स्पष्ट रूप से दिखाती है कि वह किस तरह से चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। अमित शाह को निशाना बनाकर और प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बिना, केजरीवाल एक संतुलित और रणनीतिक दृष्टिकोण अपना रहे हैं, जिससे वह अपने समर्थकों को भी संतुष्ट कर सकें और विरोधियों को भी चुनौती दे सकें।
FAQ
Q. अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह पर क्यों निशाना साधा है?
A. अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह पर निशाना इसलिए साधा है क्योंकि वह दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रहे हैं, विशेषकर हाल में हुए धमाकों के संदर्भ में। यह कदम चुनावी माहौल में उनकी रणनीति का हिस्सा है।
Q. क्या केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेने से परहेज किया है?
A. हाँ, अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेने से परहेज किया है। यह उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिससे वे मोदी विरोध से होने वाले नुकसान से बचना चाहते हैं।
Q. आम आदमी पार्टी के नेताओं ने हाल ही में किस घटना का जिक्र किया है?
A. आम आदमी पार्टी के नेताओं ने नांगलोई जाट में अरविंद केजरीवाल को घेरने की घटना का जिक्र किया है, जिसमें बीजेपी के गुंडों पर आरोप लगाया गया है।
Q. केजरीवाल का यह नया रुख चुनावी रणनीति को कैसे प्रभावित कर सकता है?
A. केजरीवाल का नया रुख चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकता है क्योंकि वह अमित शाह को निशाना बनाकर बीजेपी को चुनौती दे रहे हैं, बिना प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए, जिससे वह अपने समर्थकों को संतुष्ट कर सकते हैं।
Q. क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर केजरीवाल का यह कदम प्रभावी हो सकता है?
A. हाँ, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर केजरीवाल का यह कदम प्रभावी हो सकता है, क्योंकि यह उन्हें चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने का अवसर प्रदान करता है।