हरदीप सिंह निज्जर का मामला: कनाडा ने फिर निज्जर को लेकर उठाया सवाल, तो भारत ने किया विरोध दो टूक कहा- ड्रू करो.

भारत सरकार ने कनाडा को तंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में करारा जवाब दिया है। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को बिना किसी सबूत के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए मोदी सरकार पर निराधार आरोप लगाने की अनुमति नहीं है। भारत ने कहा कि जस्टिन ट्रूडो तथाकथित दोषियों को पकड़ने के लिए अपनी जांच एजेंसियों को राजनीतिक दिशानिर्देश नहीं दे सकते हैं।

भारत के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों ने शानिवार (12 अक्टूबर) को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की। भारत सरकार ने इसमें कहा है कि आरसीएमपी जांच एजेंसी के आरोप गलत हैं। आरसीएमपी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच कर रहा है।

आसियान शिखर सम्मेलन में दोनों देशों ने चर्चा की

11 अक्टूबर को आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और जस्टिन ट्रूडो की मुलाकात का दावा मीडिया ने किया था। प्रधानमन्त्री मोदी ने जस्टिन ट्रूडो से इस विषय पर चर्चा की जब वे लाउंज से भोजन स्थल की ओर जा रहे थे। जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह इस विषय पर चर्चा करने का सही समय नहीं है।

रिपोर्टों के अनुसार, दोनों नेताओं ने हाथ भी नहीं मिलाया। अगले वर्ष कनाडा में आम चुनाव होने जा रहे हैं। यही कारण है कि वे भारत को अपनी खालिस्तानी वोट बैंक राजनीति का लक्ष्य बना रहे हैं। भारत ने अपने बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने इस बातचीत पर कोई ठोस चर्चा नहीं की थी।

भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर चल रहा विवाद गहराता जा रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा बिना किसी पुख्ता सबूत के भारत पर आरोप लगाने के बाद, भारत सरकार ने इस मामले में सख्त प्रतिक्रिया दी है।

ट्रूडो ने आरोप लगाया कि भारत की सरकार ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भूमिका निभाई है, जो कनाडा में खालिस्तानी अलगाववाद का समर्थक था। इसके जवाब में भारत ने स्पष्ट किया कि बिना किसी ठोस सबूत के ऐसे आरोप निराधार हैं। भारत ने कनाडा को सुझाव दिया कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने के बजाय न्यायपूर्ण ढंग से जांच करे।

ट्रूडो के आरोप और भारत का जवाब:

जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई संसद में यह आरोप लगाकर विवाद को जन्म दिया कि भारतीय एजेंसियों का इस हत्या में हाथ हो सकता है। इसके जवाब में भारत ने कहा कि ऐसा कोई भी आरोप लगाने से पहले, कनाडा सरकार को ठोस सबूत प्रस्तुत करने होंगे।

भारत ने यह भी कहा कि कनाडा अपनी जांच एजेंसी आरसीएमपी (रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस) पर राजनीतिक दबाव डालकर इस मुद्दे को गलत दिशा में न ले जाए।

आसियान शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं की मुलाकात:

यह मामला और गरमाया जब 11 अक्टूबर को आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जस्टिन ट्रूडो के बीच एक संक्षिप्त मुलाकात हुई। इस दौरान ट्रूडो ने निज्जर की हत्या के मुद्दे पर बात करनी चाही, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह इस मुद्दे पर चर्चा करने का सही समय नहीं है। रिपोर्टों में यह भी कहा गया कि इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने हाथ भी नहीं मिलाया, जोकि इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है।

भारत की स्थिति:

भारत ने कहा कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और कनाडा को अपनी राजनीति से प्रेरित आरोपों के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए। वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने यह भी कहा कि कनाडा को खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। भारत ने बार-बार कनाडा को इस बात की ओर संकेत किया है कि वह अपने देश में बढ़ रहे खालिस्तानी तत्वों पर कड़ी निगरानी रखे और उन पर कानूनी कार्रवाई करे।

कनाडा में आगामी चुनाव:

कनाडा में अगले साल आम चुनाव होने वाले हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि जस्टिन ट्रूडो का यह कदम वहां की खालिस्तानी समर्थक आबादी को साधने का प्रयास हो सकता है। कनाडा में खालिस्तानी वोट बैंक का प्रभाव है, और इस विवाद के जरिए ट्रूडो इस वोट बैंक को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं।

भारत-कनाडा संबंधों पर असर:

इस विवाद ने भारत-कनाडा संबंधों को ठेस पहुंचाई है। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंध मजबूत होते नजर आ रहे थे, लेकिन इस विवाद ने दोनों देशों के बीच तनाव पैदा कर दिया है।

भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है और कहा है कि इस मामले में बिना किसी ठोस सबूत के भारत पर आरोप लगाना गलत है। इस विवाद से दोनों देशों के संबंधों पर असर पड़ा है, और यह देखना बाकी है कि इस विवाद का भविष्य क्या होगा।

 

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