Dalhousie, Khajjiar और चंबा की यात्रा हिमाचल प्रदेश भारत के सबसे खूबसूरत टूरिस्ट जगहों में से एक है। यहाँ बर्फ से ढकी चोटियाँ, शानदार झीलें, पुरानी इमारतों की खूबसूरती और रंग-बिरंगी संस्कृति सब कुछ है। इस राज्य में छोटे-छोटे पहाड़ी कस्बे हैं, और हर एक की अपनी अलग पहचान है। अगर आप कुछ अनोखा और दिलचस्प देखना चाहते हैं, तो डलहौज़ी, खज्जियार और चंबा की यात्रा आपके लिए एकदम सही है। ये तीनों जगहें इतनी शानदार हैं कि आपकी छुट्टियाँ यादगार बन जाएँगी। हम यहाँ आपको इन तीनों जगहों की पूरी यात्रा योजना बताएंगे। आप डलहौज़ी से खज्जियार और फिर चंबा जा सकते हैं, या खज्जियार से शुरू करके डलहौज़ी और चंबा जाएँ। हमारा सुझाव है कि डलहौज़ी से शुरू करें, क्योंकि इससे यात्रा छोटी और बेहतर तरीके से हो सकती है। डलहौज़ी में रहने के लिए भी अच्छे ऑप्शन हैं, जैसे होमस्टे से लेकर लग्ज़री जगहें—मिसाल के लिए एल्गिन हॉल। तो चलिए, इस शानदार यात्रा की योजना बनाते हैं।
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वहाँ कैसे पहुँचें?
डलहौज़ी जाने के लिए सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा पठानकोट में है, जो करीब 75 किलोमीटर दूर है। ये एयरपोर्ट सिर्फ दिल्ली से जुड़ा है। दिल्ली के इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पठानकोट तक का हवाई सफर 1 घंटे 10 मिनट से 1 घंटे 40 मिनट का होता है। अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं, तो सबसे नज़दीकी स्टेशन पठानकोट का चक्की बैंक है, जो 82 किलोमीटर दूर है। पठानकोट रेलवे स्टेशन दिल्ली के अलावा भटिंडा, जम्मू, अहमदाबाद और जोधपुर जैसे शहरों से जुड़ा है। दिल्ली से ट्रेन का सफर 10-11 घंटे का होगा। स्टेशन पहुँचने के बाद कैब से डलहौज़ी तक का रास्ता 2.5 से 3 घंटे लेगा। अगर आप सड़क से दिल्ली से जा रहे हैं, तो करनाल, अंबाला, लुधियाना, जालंधर और फिर पठानकोट से होकर जाएँगे। ये सफर भी 10-11 घंटे का है। हरियाणा रोड ट्रांसपोर्ट (HRTC) और हिमाचल रोडवेज़ की बसें दिल्ली के कश्मीरी गेट ISBT से रोज़ चलती हैं। डलहौज़ी पहुँचते ही आपकी यात्रा शुरू होगी।
चार दिन की यात्रा योजना
इन तीनों जगहों को अच्छे से घूमने के लिए आपको ज़्यादा से ज़्यादा 4 दिन चाहिए। यहाँ दिन-दर-दिन की योजना है:
- पहला दिन: डलहौज़ी में घूमें—डainkund पीक, चमेरा झील, और सेंट जॉन चर्च देखें।
- दूसरा दिन: खज्जियार जाएँ—खज्जियार झील में नाव चलाएँ, कालाटॉप वन्यजीव अभयारण्य घूमें, और कैलाश गाँव देखें।
- तीसरा दिन: चंबा जाएँ—चर्च ऑफ स्कॉटलैंड, गोल्डन देवी मंदिर में आशीर्वाद लें, और मणिमहेश झील देखें।
- चौथा दिन: डलहौज़ी में आराम करें, शॉपिंग करें, और लोकल खाना खाएँ।
ये योजना आपको हर जगह का मज़ा लेने का पूरा मौका देगी। अब हर दिन को विस्तार से देखते हैं।
पहला दिन: डलहौज़ी की सैर

डलहौज़ी एक शांत और खूबसूरत पहाड़ी कस्बा है। यहाँ कुछ खास जगहें हैं:
- डainkund पीक: ये डलहौज़ी की सबसे ऊँची चोटी है। यहाँ से धौलाधर और पीर पंजाल पहाड़ों का शानदार नज़ारा दिखता है। प्रकृति और ट्रेकिंग पसंद करने वालों के लिए ये जगह बेस्ट है। गाँधी चौक से यहाँ तक 30-40 मिनट लगते हैं, और फिर ऊपर चढ़ने में 1-1.5 घंटे। कैंपिंग का मज़ा भी ले सकते हैं।
- चमेरा झील: ये एक कृत्रिम झील है, जो चमेरा बाँध का हिस्सा है। रावी नदी इसे पूरे साल भरे रखती है। यहाँ नाव की सवारी, मछली पकड़ना, और नज़ारे देखना मज़ेदार है। गर्मियों में पक्षी देखने का भी मौका मिलता है। पास में भूरी सिंह म्यूज़ियम और चंपावती मंदिर भी घूम सकते हैं।
- सेंट जॉन चर्च: ये एक पुराना प्रोटेस्टेंट चर्च है, जो विक्टोरियन स्टाइल में बना है। यहाँ किताबें, तस्वीरें, और ऐतिहासिक चीज़ें देखने को मिलती हैं। रविवार को यहाँ का माहौल और खास हो जाता है।
दूसरा दिन: खज्जियार का मज़ा

खज्जियार को भारत का मिनी स्विट्ज़रलैंड कहते हैं। डलहौज़ी से यहाँ 1 घंटे में पहुँच जाएँगे—बस या अपनी गाड़ी से। रास्ता भी बहुत खूबसूरत है। यहाँ क्या देखें:
- खज्जियार झील: हरे-भरे देवदार जंगलों के बीच बनी ये झील बहुत सुंदर है। कैलाश पर्वत का नज़ारा और पिकनिक के लिए ये शानदार जगह है। यहाँ पैराग्लाइडिंग, ज़ोर्बिंग, और घुड़सवारी का मज़ा भी ले सकते हैं।
- कालाटॉप वन्यजीव अभयारण्य: यहाँ हिमाचल के खास जानवर और पौधे देखने को मिलते हैं—like हिमालयन ब्लैक बेयर, फिज़ेंट्स, और कई पक्षी। घने जंगल, पहाड़, और पानी की धाराएँ इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए खास बनाती हैं।
- कैलाश गाँव: शांत गाँव का मज़ा लेना चाहते हैं, तो यहाँ जाएँ। सेब के बाग और बर्फ से ढकी छतें इसे खूबसूरत बनाती हैं। कैलाश पर्वत का नज़ारा और लोकल खाना यहाँ का खास अनुभव है।
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तीसरा दिन: चंबा की खोज

चंबा रावी नदी के किनारे बसा एक पुराना और सुंदर कस्बा है। खज्जियार से यहाँ 1 घंटे 4 मिनट (22.6 किमी) में पहुँच जाएँगे। यहाँ क्या देखें:
- चर्च ऑफ स्कॉटलैंड: 120 साल पुराना ये चर्च 6 साल में बना। स्कॉटिश स्टाइल की बनावट इसे खास बनाती है। ये धार्मिक और ऐतिहासिक नज़रिए से देखने लायक है।
- मणिमहेश झील: पीर पंजाल रेंज में बनी ये पवित्र झील मणिमहेश कैलाश पीक के पास है। यहाँ हर साल श्रद्धालु ट्रेकिंग के लिए आते हैं।
- गोल्डन देवी मंदिर: इस मंदिर का सुनहरा गुंबद इसे खास बनाता है। यहाँ का नज़ारा, बनावट, और आध्यात्मिक माहौल इसे ज़रूरी जगह बनाते हैं।
चौथा दिन: डलहौज़ी में आराम और शॉपिंग

अंतिम दिन डलहौज़ी में रिलैक्स करें। यहाँ बाज़ार में घूमें, लोकल खाना—like चना मधरा या सिद्दू—ट्राई करें, और कुछ यादगार चीज़ें खरीदें। ये दिन आपको थकान से राहत देगा।
कब जाएँ और क्या ले जाएँ?
ये यात्रा साल भर में कभी भी कर सकते हैं। अक्टूबर से फरवरी तक बर्फ का मज़ा लेना चाहते हैं, तो ये सही समय है। गर्मियों से बचना चाहते हैं, तो मार्च से जून अच्छा है। अपने साथ गर्म कपड़े, आरामदायक जूते, और कैमरा ज़रूर लें।
निष्कर्ष
डलहौज़ी, खज्जियार और चंबा की ये चार दिन की यात्रा आपको प्रकृति, संस्कृति, और रोमांच का मज़ा देगी। डलहौज़ी की ठंडक, खज्जियार की हरियाली, और चंबा की पुरानी खूबसूरती आपके सफर को यादगार बनाएगी। तो अपनी योजना बनाएँ, बैग पैक करें, और हिमाचल की इस शानदार सैर का आनंद लें। ये यात्रा आपकी छुट्टियों को खास बना देगी।