भारत की न्यूजीलैंड से घरेलू टेस्ट सीरीज में हार: मतभेद और सवाल
भारतीय क्रिकेट टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज में 0-3 की करारी हार का सामना करना पड़ा। यह हार भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक बड़ा झटका है, क्योंकि 24 साल बाद भारतीय टीम अपने घरेलू मैदान पर कोई टेस्ट सीरीज हारी है। इस प्रदर्शन ने टीम की तैयारियों, रणनीतियों और प्रबंधन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
गंभीर और रोहित के बीच मतभेद की खबरें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा के बीच आपसी तालमेल की कमी नजर आ रही है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि गंभीर के कोचिंग स्टाइल को लेकर टीम प्रबंधन में सहमति नहीं बन पा रही है। गंभीर और रोहित के बीच टीम चयन और रणनीति जैसे मुद्दों पर असहमति ने माहौल को और जटिल बना दिया है।
स्पिन के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी
भारत, जो स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ अपनी मजबूती के लिए जाना जाता है, इस सीरीज में पूरी तरह असफल रहा। न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने भारतीय बल्लेबाजों को बुरी तरह फंसा दिया। भारतीय बल्लेबाजी क्रम, जिसमें रोहित शर्मा, विराट कोहली, शुभमन गिल, और केएल राहुल जैसे अनुभवी खिलाड़ी शामिल थे, स्पिन के सामने बेबस नजर आए। भारतीय बल्लेबाजों की इस कमजोरी ने टीम की तैयारियों और तकनीकी दक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हार के कारणों पर सवाल
इस हार के बाद टीम की योजना और प्रबंधन पर चर्चा तेज हो गई है। गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद यह पहला मौका है जब उनकी कोचिंग स्टाइल पर सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि टीम चयन में गंभीर के फैसले कई बार रोहित और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर के विचारों से मेल नहीं खाते। नितीश कुमार रेड्डी और हर्षित राणा जैसे खिलाड़ियों के चयन को लेकर भी असहमति की खबरें हैं।
आगे की चुनौतियां
इस हार के बाद बीसीसीआई ने एक विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की, जिसमें टीम की कमजोरियों को पहचानने और उन्हें दूर करने पर जोर दिया गया। बोर्ड का ध्यान अब आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है। यह दौरा टीम इंडिया के लिए अपनी गलतियों को सुधारने और अपनी प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करने का मौका होगा।
यह स्पष्ट है कि भारत को अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए प्रबंधन में मतभेद और रणनीतिक कमजोरियों को दूर करना होगा। यह हार एक चेतावनी के रूप में देखी जा सकती है कि सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।
क्या गौतम गंभीर और रोहित शर्मा एकमत नहीं?
न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में 0-3 की हार के बाद, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 8 नवंबर 2024 को एक विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की। इस छह घंटे लंबी बैठक में कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच गौतम गंभीर, चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर, बीसीसीआई सचिव जय शाह और अध्यक्ष रोजर बिन्नी शामिल थे।
बैठक में मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की गई:
- पिच चयन: मुंबई टेस्ट के लिए ‘रैंक टर्नर’ पिच का चयन, जो टीम के लिए प्रतिकूल साबित हुआ।
- खिलाड़ियों का प्रबंधन: जसप्रीत बुमराह को तीसरे टेस्ट में आराम देने का निर्णय, जिससे टीम की गेंदबाजी कमजोर हुई।
- कोचिंग शैली: गौतम गंभीर की कोचिंग पद्धति पर भी सवाल उठाए गए, जिसमें टीम प्रबंधन के अन्य सदस्यों के साथ मतभेद सामने आए।
बैठक के दौरान, बीसीसीआई ने टीम प्रबंधन से इन मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा और सुधारात्मक उपायों के सुझाव भी लिए। सूत्रों के अनुसार, चयनकर्ताओं को बुमराह के आराम देने के फैसले की जानकारी नहीं थी, जिससे संचार में कमी का मुद्दा भी उठाया गया।
इसके अतिरिक्त, टीम चयन में भी असहमति देखी गई, विशेषकर ऑलराउंडर नितीश रेड्डी और तेज गेंदबाज हर्षित राणा के चयन को लेकर। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन खिलाड़ियों के चयन में गंभीर की भूमिका थी, लेकिन टीम प्रबंधन के अन्य सदस्य इस निर्णय से सहमत नहीं थे।इस बैठक का उद्देश्य आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले टीम की रणनीति और प्रदर्शन में सुधार करना था, ताकि टीम फिर से जीत की राह पर लौट सके।
हेड कोच गौतम गंभीर से क्यों नाराज टीम मैनेजमेंट के अन्य लोग?
न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में 0-3 की हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम की रणनीति और प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए बीसीसीआई ने शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक आयोजित की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर, बीसीसीआई सचिव जय शाह और अध्यक्ष रोजर बिन्नी मौजूद थे। हेड कोच गौतम गंभीर, जो इस समय दक्षिण अफ्रीका दौरे पर हैं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी और तेज गेंदबाज हर्षित राणा को टीम में शामिल करने में गौतम गंभीर की अहम भूमिका रही, हालांकि टीम मैनेजमेंट के अन्य सदस्य इस फैसले से सहमत नहीं थे। चयन प्रक्रिया पर इस असहमति को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई।
इसके अलावा, बैठक में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के कारणों का विश्लेषण किया गया। भारतीय बल्लेबाजों का स्पिन गेंदबाजी के सामने संघर्ष करना, टीम कॉम्बिनेशन, और मैच की परिस्थितियों में लिए गए निर्णयों पर गहन समीक्षा की गई। साथ ही आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए टीम की तैयारी और रणनीति पर भी विचार किया गया, ताकि टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बेहतर प्रदर्शन कर सके।