मद्रास हाई कोर्ट का आदेश: ‘कंगुवा’ की रिलीज के लिए 20 करोड़ रुपये जमा करें
मद्रास हाई कोर्ट ने स्टूडियो ग्रीन के सामने एक बड़ी चुनौती रख दी है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, प्रोडक्शन हाउस को अपनी आने वाली फिल्म ‘कंगुवा’ की रिलीज के लिए कोर्ट के आधिकारिक अधिकारी के पास 20 करोड़ रुपये जमा करने होंगे।
यह फैसला 2011 में स्टूडियो ग्रीन द्वारा किए गए बकाए भुगतान के संदर्भ में आया है, जिसे प्रोडक्शन हाउस ने उस समय पूरा नहीं किया था। यह निर्णय न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन और न्यायमूर्ति सीवी कार्तिकेयन की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया है।
कोर्ट के ऐसे फैसले भारतीय फिल्म उद्योग में वित्तीय अनुशासन को बढ़ाने का संकेत देते हैं। स्टूडियो ग्रीन के खिलाफ कानूनी परेशानी इस बात को दर्शाती है कि फिल्म निर्माण और निवेशकों के बीच के वित्तीय संबंध कहीं अधिक जटिल हो सकते हैं।
20 करोड़ रुपये जमा करने की शर्त न केवल आर्थिक रूप से एक बाधा है, बल्कि यह स्टूडियो ग्रीन और पूरी इंडस्ट्री के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
मामले में अर्जुनलाल सुंदेरदास की भूमिका
अर्जुनलाल सुंदेरदास का स्टूडियो ग्रीन से संबंध 2011 से है, जब उन्होंने एक फिल्म परियोजना में 40 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उन्होंने पहले ही 12 करोड़ रुपये स्टूडियो को दे दिए थे, लेकिन बाद में उनके खुद के वित्तीय संकट के कारण उन्हें परियोजना से हटना पड़ा। इस मामले में कई जटिलताएं हैं:
- कोर्ट ने सुंदेरदास की संपत्ति और देनदारियों पर एक आधिकारिक अधिकारी की नियुक्ति का आदेश दिया।
- 10.35 करोड़ रुपये और उस पर ब्याज को लेकर कोर्ट में विवाद रहा।
- कई आदेशों के बावजूद स्टूडियो ग्रीन निवेश की गई राशि लौटाने में विफल रहा।
फिल्म निर्माण में निवेश जोखिम
फिल्म निर्माण में निवेश के साथ कई जोखिम होते हैं, क्योंकि कानूनी अनुबंधों में स्पष्टता की कमी होती है। निवेशकों के लिए सही एग्जिट मैकेनिज्म का अभाव होता है, जिससे उन्हें वित्तीय परेशानी होने पर सुरक्षा कम मिलती है। स्टूडियो ग्रीन का मामला इससे भी जटिल हो गया जब कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू की गई।
कोर्ट के आदेश और ‘कंगुवा’ पर इसका असर
मद्रास हाई कोर्ट के आदेश ने स्टूडियो ग्रीन के लिए ‘कंगुवा’ की रिलीज पर स्पष्ट शर्तें रख दी हैं। न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन और न्यायमूर्ति सीवी कार्तिकेयन की पीठ ने आदेश दिया है कि स्टूडियो को 13 नवंबर 2024 तक कोर्ट के आधिकारिक अधिकारी के पास 20 करोड़ रुपये जमा करने होंगे।
मुख्य शर्तें जो कोर्ट ने रखी हैं:
- राशि का पूरा भुगतान: किसी भी सिनेमाई या ओटीटी रिलीज से पहले पूरा पैसा जमा करना होगा।
- समय सीमा गैर-परिवर्तनीय: 13 नवंबर 2024 की समय सीमा बदली नहीं जा सकती।
- रिलीज पर प्रतिबंध: जमा राशि का भुगतान होने तक कोई अन्य रिलीज संभव नहीं है।
स्टूडियो ग्रीन के उत्पादन कार्यक्रम पर दबाव
यह आदेश स्टूडियो ग्रीन के उत्पादन कार्यक्रम पर भारी दबाव डालता है। ‘कंगुवा’ एक बड़े पैमाने पर बनाई जा रही फिल्म है, जिसमें बड़ी स्टारकास्ट है। 20 करोड़ रुपये की यह जमा शर्त उत्पादन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करेगी, जैसे कि:’
- मार्केटिंग बजट
- पोस्ट-प्रोडक्शन शेड्यूल का लॉक होना
- रिलीज की सही तारीख का चयन
- वितरण के पैटर्न
स्टूडियो ग्रीन की अन्य फिल्मों पर प्रभाव
स्टूडियो ग्रीन के लिए भविष्य में और भी चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं। कोर्ट का आदेश उन्हें निम्नलिखित कार्यों से रोकता है:
- नए प्रोडक्शन सहयोग स्थापित करना
- चल रही परियोजनाओं की समय सीमा को पूरा करना
- कई प्रोडक्शन कमिटमेंट्स को एक साथ मैनेज करना
- नकदी प्रवाह को बनाए रखना
स्टूडियो ग्रीन के लिए यह मामला अकेला नहीं है। हाल ही में कई भारतीय प्रोडक्शन हाउस कानूनी मामलों में उलझ गए हैं, जिससे उनकी प्रोडक्शन योजनाएँ और वित्तीय प्रबंधन प्रभावित हुए हैं।
कानूनी बोझ और रचनात्मक-व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं के बीच संतुलन
कोर्ट द्वारा लगाए गए वित्तीय बोझ ने स्टूडियो ग्रीन को एक नाजुक स्थिति में डाल दिया है। अब उन्हें कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ अपनी रचनात्मक और व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं को भी निभाना होगा। यह स्थिति न केवल ‘कंगुवा’ के लिए एक झटका है, बल्कि पूरे 2024 के लिए कंपनी की प्रोडक्शन रणनीति को भी बदल सकती है।
कंगुवा की रिलीज में देरी के परिणाम
उद्योग के विश्लेषकों का मानना है कि ‘कंगुवा’ बॉक्स ऑफिस पर 150 से 200 करोड़ रुपये तक की कमाई कर सकती है। लेकिन अगर फिल्म देरी से रिलीज होती है, तो इसके नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि:
- सही रिलीज विंडो का छूट जाना
- फिल्म निर्माण के लिए लिए गए कर्ज पर ब्याज की लागत में वृद्धि
- मार्केटिंग प्रयासों में बाधा
- अन्य अच्छी फिल्मों का ध्यान खींचना
स्टूडियो ग्रीन के सामने आर्थिक चुनौतियां
स्टूडियो ग्रीन वर्तमान में कई वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा है। कानूनी मामलों के चलते बड़ी रकम अदालत में जमा हैं और पूर्व मालिकों को उनका पैसा देने में देरी हो रही है। प्रोजेक्ट्स से नकदी प्रवाह भी धीमा है।
निष्कर्ष
मद्रास हाई कोर्ट का 20 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश स्टूडियो ग्रीन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह कानूनी लड़ाई भारतीय फिल्म उद्योग में वित्तीय अनुशासन के जटिल पहलुओं को उजागर करती है। स्टूडियो ग्रीन के लिए यह फैसला केवल ‘कंगुवा’ की रिलीज़ पर असर नहीं डालेगा, बल्कि उनके व्यवसाय की साख को भी प्रभावित करेगा।