काशी में देव दीपावली के लिए गंगा किनारे 17 लाख दीप जलाए जाएंगे।

काशी में देव दीपावली का मुख्य आयोजन

देव दीपावली के लिए काशी में भव्य आयोजन होने जा रहा है। गंगा घाट पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत भारत और दूसरे देशों से कई अहम लोग इस खूबसूरत नजारे को देखने के लिए मौजूद रहेंगे। उत्तर प्रदेश के राष्ट्रपति पांच घंटे काशी में रहेंगे। इस दौरान 90 करोड़ की लागत से बने नमो घाट का आखिरी हिस्सा भी देखा जाएगा।

गंगा किनारे खेलते बच्चों की रोशनी पूरी दुनिया में चमकेगी।

नमो घाट का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी वहां मौजूद रहेंगे।
जागरण, वाराणसी के लिए रिपोर्टर

देव दीपावली पर दुनिया मां गंगा के तट तक जाने वाली आस्था की सीढ़ियों से जगमगाएगी, जो बच्चों की रोशनी से जगमगाएंगी। देव दीपावली कहलाने वाला यह पर्व स्वर्ग में भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर का नाश करने की याद में मनाया जाता है। शुक्रवार को काशी में यह पर्व पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ मनाया जाएगा। काशी में जब उत्तरवाहिनी मां गंगा 17 लाख दीपों से बनी स्वर्णिम माला धारण करेंगी तो देवता भी इस सुंदर नजारे को देखने स्वर्ग से उतर आएंगे। दुनिया भर में सनातनी धर्म की अलख जगाने वाले इस बड़े आयोजन को देखने के लिए भारत और दूसरे देशों से काफी संख्या में लोग आए हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर सनातनी धर्मावलंबी पवित्र गंगा में स्नान करते हैं। गुरुवार को बनारस की सड़कें इन लोगों से भरी हुई थीं। काशी अपने मेहमानों के लिए पूरी तरह से तैयार है। हर तरफ जगमगाती रोशनी से शहर दुल्हन की तरह नजर आ रहा है।

ढेर सारी रोशनी

घाटों और मंदिरों तक, गलियों और गलियों से जगमगाती रोशनी की यह भीड़ हर जगह जगमगा रही है। जब रोशनी की लड़ियाँ गंगा से टकराती हैं तो एक खूबसूरत नजारा बनता है। इन घाटों पर समूहों ने दीपोत्सव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनंदी बेन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी शुक्रवार शाम को नमो घाट पर दीप जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत करेंगे। इसके बाद काशी के 84 घाटों, कुंडों, सरोवर की सीढ़ियों और तीर्थस्थलों पर एक साथ लाखों दीप जलाए जाएंगे।

जब दीप जलेंगे तो घाटों पर बनी कलाकृतियां कई संदेश देंगी। अलग-अलग घाटों पर दीपों और फूलों से बनी कई तरह की कलाकृतियों के जरिए धर्म, संस्कृति, आदर्श, ज्ञान, पवित्रता और नैतिकता का संदेश पूरी दुनिया को दिया जाएगा। सरकार और प्रशासन ने 12 लाख दीपदान स्थल स्थापित किए हैं और कई समूहों और समितियों ने लोगों के सहयोग से 5 लाख और दीप जलाने का वादा किया है। इनमें से तीन लाख दीप गाय के गोबर से बनाए गए हैं।

Light 17 lakh lamps on the banks of Ganga for Dev Deepawali in Kashi.

दशाश्वमेध घाट पर मान्यात्री

दशाश्वमेध घाट पर महाआरती से राष्ट्रवाद का संदेश जाएगा। हर साल गंगा सेवा निधि मां गंगा की आरती करती है। देव दीपावली पर यह और भी बेहतर दिखाई देगी। घाट को सुंदर बनाने के लिए चारों ओर 20 क्विंटल फूल डाले जा रहे हैं। सामाजिक, धार्मिक और राष्ट्रीय थीम पर आधारित इस महाआरती में कारगिल युद्ध में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस साल वीरता के सौ साल पूरे हो रहे हैं। युद्ध में शहीद हुए भारत के वीरों को “भागीरथ शौर्य सम्मान” दिया जाएगा। दशाश्वमेध घाट पर 21 साधुओं और 42 देव कन्याओं द्वारा ऋद्धि-सिद्धि के स्वरूप में महाआरती की जाएगी। घाट ढोल और शंख की ध्वनि से गूंज उठेंगे। गंगा कितनी निर्मल और स्वच्छ है, इस बारे में वचन और संकल्प भी होगा।

अहिल्याबाई घाट पर लोग खास तरीके से मां गंगा की पूजा करते हैं।

अहिल्याबाई घाट पर मां गंगा की आरती और विशेष पूजन होगा। श्री श्री काशी गंगा सेवा समिति के संस्थापक और प्रमुख विनय कुमार तिवारी समारोह का नेतृत्व करेंगे। प्रसिद्ध विद्वान व्याख्यान देंगे। आज आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। हर घाट पर अलग-अलग चीजें देखने को मिलेंगी। राजा घाट से लेकर मीर घाट तक हर घाट की अपनी-अपनी खूबियां हैं, जिन्हें आयोजकों ने जोड़ा है। राजा घाट के प्रभारी ने बताया, “हम हर साल कुछ नया करने की कोशिश करते हैं और पूरे घाट को दीयों से सजाते हैं।” आयोजक अमर बोस गोल्डन क्लब की मदद से चौसट्टी घाट पर माता की मूर्ति बनाई गई। राणा महल घाट पर आयोजक गोपाल चंद्र ने बताया कि सफाई ही मुख्य लक्ष्य है।

मानमंदिर घाट पर दीप पेंटिंग और अल्पना

मानमंदिर घाट के संचालन के प्रभारी अजय शंकर तिवारी ने बताया कि अल्पना और दीप सजाने में विदेशियों ने मदद की। मीर घाट के प्रभारी ने बताया, “हम मां गंगा के किनारे रहते हैं, इसलिए जब हम बाबा का ध्यान करते हैं, तो मां गंगा को दीपों से सजाते हैं।” जैन घाट से यही सीख मिलती है कि जियो और जीने दो। देव दीपावली पर श्री भदैनीजी दिगम्बर जैन धर्म एवं भगवान महावीर स्वामी के प्रमुख विचारों का होगा आयोजन

जैन तीर्थ क्षेत्र में भगवान सुपार्श्वनाथ का जन्म हुआ था। घाट को दीयों और अल्पनाओं से सजाने से यह संदेश जाएगा कि जीवन जीने लायक है और अहिंसा ही सर्वश्रेष्ठ धर्म है। पूरे घाट को ढकने के लिए 5100 दीपों का इस्तेमाल किया जा रहा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना और सजावट की जा रही है। बाबा विश्वनाथ के दरबार के चारों ओर फूल बिछाए जा रहे हैं। यहां भी लाइट लगाई जा रही है। पूरे धाम में दीप जलाए जाएंगे। ललिता घाट गंगा द्वार को सुंदर बनाने के लिए भी दीपों का इस्तेमाल किया जाएगा।

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