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अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा पीसीबी, चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेला भारत तो पाकिस्तान हो जाएगा बर्बाद!

By: Remi

On: Tuesday, November 12, 2024 4:15 AM

PCB is shooting itself in the foot, if India does not play in the Champions Trophy then Pakistan will be ruined!
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भारत की क्रिकेट टीम ने 2025 में पाकिस्तान में आयोजित होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान जाने से साफ इनकार कर दिया है। यह फैसला बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने लिया और इसकी जानकारी आईसीसी (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) को दी। इसके बाद आईसीसी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को इस स्थिति से अवगत कराया।

पाकिस्तान को होगा बड़ा नुकसान

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भारतीय टीम का पाकिस्तान न जाना पीसीबी और पाकिस्तान क्रिकेट के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैचों को दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखा जाता है, जिससे न केवल टूर्नामेंट को प्रसिद्धि मिलती है, बल्कि बड़ी आर्थिक कमाई भी होती है। भारत की गैरमौजूदगी से टूर्नामेंट के प्रायोजकों और दर्शकों की संख्या पर भारी असर पड़ने की संभावना है।

बीसीसीआई के इस निर्णय का प्रमुख कारण पाकिस्तान की मौजूदा सुरक्षा स्थिति है। हाल ही में पाकिस्तान में हुई बम धमाकों जैसी घटनाओं ने सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है। भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि मौजूदा हालात खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित नहीं हैं।

हाइब्रिड मॉडल पर आयोजन संभव

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इस स्थिति में चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन के लिए हाइब्रिड मॉडल की संभावना पर विचार किया जा रहा है। इसमें पाकिस्तान के अलावा अन्य किसी देश में भारतीय टीम के मैच आयोजित किए जा सकते हैं, जैसा कि हाल ही में एशिया कप 2023 के दौरान हुआ था। हालांकि, इस मॉडल को लागू करने के लिए आईसीसी और पीसीबी के बीच सहमति जरूरी होगी।

पाकिस्तान के लिए मुश्किल दौर

पाकिस्तान क्रिकेट को इस निर्णय से बड़ा झटका लगा है। पहले से ही पीसीबी आर्थिक दबाव और प्रायोजकों की कमी का सामना कर रहा है। भारतीय टीम का पाकिस्तान न जाना इन समस्याओं को और बढ़ा सकता है।

बीसीसीआई की ताकत और प्रभाव

बीसीसीआई फिलहाल विश्व क्रिकेट में सबसे प्रभावशाली क्रिकेट बोर्ड है। इसके पास न केवल सबसे ज्यादा संसाधन हैं, बल्कि यह आईसीसी के कई अहम फैसलों को भी प्रभावित करता है। वहीं, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई के सामने कमजोर स्थिति में नजर आता है।

आगे की स्थिति पर नजर

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आईसीसी और पीसीबी इस परिस्थिति का समाधान कैसे निकालते हैं। क्या टूर्नामेंट को स्थानांतरित किया जाएगा या फिर हाइब्रिड मॉडल लागू होगा? यह आने वाले महीनों में स्पष्ट हो जाएगा। लेकिन इतना तय है कि भारत का यह निर्णय पाकिस्तान क्रिकेट पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है।

चैंपियंस ट्रॉफी के लिए हाइब्रिड मॉडल: पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ीं

पाकिस्तान में 2025 में आयोजित होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत ने पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया है। ऐसे में टूर्नामेंट को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए हाइब्रिड मॉडल अपनाने की संभावना तेज हो गई है। हाइब्रिड मॉडल का मतलब है कि भारतीय टीम अपने मैच पाकिस्तान के बाहर खेलेगी।

यूएई हो सकता है मेजबानी का प्रमुख स्थान

PCB is shooting itself in the foot, if India does not play in the Champions Trophy then Pakistan will be ruined!

भारतीय टीम के मैच कहां होंगे, इस पर चर्चा जारी है। यूएई (दुबई या शारजाह) को इसके लिए पहली पसंद माना जा रहा है। यूएई ने हाल के वर्षों में कई बड़े टूर्नामेंट सफलतापूर्वक आयोजित किए हैं और इसे भारत व पाकिस्तान दोनों के लिए सुविधाजनक माना जाता है।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भारी नुकसान

इस बदलाव का सबसे बड़ा नुकसान पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को होगा।

  1. भारत-पाकिस्तान मुकाबले की अहमियत: भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। लेकिन हाइब्रिड मॉडल के चलते ये मैच पाकिस्तान में नहीं होंगे, जिससे पाकिस्तान में टिकटों की बिक्री और स्थानीय राजस्व में भारी गिरावट आएगी।
  2. कमाई पर असर: भारत के बिना होने वाले मैचों में दर्शकों की रुचि कम हो सकती है। इसका असर प्रायोजकों और विज्ञापनों की आय पर पड़ेगा।

भारतीय टीम के मैच पर सबकी नजरें

भले ही चैंपियंस ट्रॉफी के बाकी मैच पाकिस्तान में हों, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान भारतीय टीम के मैचों पर रहेगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आईसीसी जल्द से जल्द शेड्यूल जारी करे ताकि आयोजन से जुड़े सवाल स्पष्ट हो सकें।

आगे की राह और पीसीबी की चुनौतियां

पीसीबी के लिए यह स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण है। भारत के बाहर खेलने का फैसला पाकिस्तान के क्रिकेट राजस्व और आयोजन की प्रतिष्ठा को प्रभावित कर सकता है। पीसीबी को यह तय करना होगा कि वह इस नुकसान की भरपाई कैसे करेगा और टूर्नामेंट को सफल बनाने के लिए आईसीसी से क्या समर्थन लेगा।

निष्कर्ष

यह साफ है कि चैंपियंस ट्रॉफी का हाइब्रिड मॉडल अपनाना पाकिस्तान क्रिकेट के लिए एक झटका है। भारत-पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और सुरक्षा कारणों के चलते क्रिकेट का यह जटिल रिश्ता अब एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान इस स्थिति से कैसे निपटता है और टूर्नामेंट को सफल बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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