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श्रीलंका में पीएम मोदी का भव्य स्वागत: रक्षा, ऊर्जा और व्यापार में नए युग की शुरुआत

By: rishabh

On: Saturday, April 5, 2025 4:49 AM

श्रीलंका में पीएम मोदी का भव्य स्वागत: रक्षा, ऊर्जा और व्यापार में नए युग की शुरुआत
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श्रीलंका में पीएम मोदी का भव्य स्वागत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में पहली बार श्रीलंका की यात्रा की और वहां उन्हें पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। यह दौरा न केवल दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने का संकेत देता है, बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप में बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों को भी दर्शाता है। श्रीलंका में हाल ही में सत्ता में आए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा डिसानायके के शासन में यह किसी भी विदेशी नेता की पहली यात्रा है, जिससे दोनों देशों के बीच गहराते संबंधों का संकेत मिलता है।

भारत-श्रीलंका सहयोग के नए आयाम

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प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती देना है। इसमें रक्षा, ऊर्जा, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और व्यापार जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौते होने की संभावना है। विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है कि श्रीलंका को 2022 में आई आर्थिक आपदा से उबरने में भारत ने जिस तरह मदद की, वह इस सहयोग की नींव है।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के त्रिंकोमाली में 120 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना पर समझौते पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं। यह परियोजना भारत की नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) और श्रीलंका की सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के बीच एक संयुक्त उद्यम होगी, जो श्रीलंका की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम है।

समुद्री सुरक्षा और रक्षा समझौता

इस यात्रा के दौरान सबसे ज़्यादा ध्यान एक संभावित रक्षा समझौते पर है, जो भारत और श्रीलंका के बीच सुरक्षा सहयोग को एक नई ऊंचाई तक ले जा सकता है। यह समझौता समुद्री निगरानी, संयुक्त सैन्य अभ्यास और रक्षा उपकरणों की सहायता जैसे पहलुओं को कवर करेगा। इससे दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए और अधिक संगठित हो सकेंगे।

दिलचस्प बात यह है कि अगर यह समझौता होता है, तो यह तीन दशक पहले भारतीय पीसकीपिंग मिशन की वापसी के बाद रक्षा क्षेत्र में पहला बड़ा कदम होगा। यह रणनीतिक दृष्टिकोण से दोनों देशों को और करीब लाएगा।

तमिलनाडु और कच्चाथीवु का मुद्दा

पीएम मोदी की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब तमिलनाडु विधानसभा ने कच्चाथीवु द्वीप को श्रीलंका से वापस लेने के लिए प्रस्ताव पारित किया है। यह द्वीप मछली पकड़ने वाले समुदाय के लिए एक संवेदनशील मुद्दा है। हालांकि इस दौरे में इस मुद्दे पर कोई औपचारिक चर्चा नहीं होने की संभावना है, लेकिन यह भारत-श्रीलंका रिश्तों की संवेदनशीलता को जरूर दर्शाता है।

अनुरा डिसानायके का भारत के प्रति रुख

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा डिसानायके ने सत्ता में आने के बाद से भारत को लगातार एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में देखा है। दिसंबर 2024 में अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने भारत द्वारा श्रीलंका को संकट के समय दी गई मदद को “सकारात्मक और प्रभावी” बताया था। खासकर 2.9 अरब डॉलर के IMF राहत पैकेज को हासिल करने में भारत की भूमिका को श्रीलंका ने बहुत सराहा है।

डिसानायके ने यह आश्वासन भी दिया है कि श्रीलंका अपनी भूमि का उपयोग भारत की सुरक्षा या क्षेत्रीय स्थिरता के खिलाफ नहीं होने देगा। यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।

पीएम मोदी का कार्यक्रम

श्रीलंका में पीएम मोदी का स्वागत सुबह 9:10 बजे हुआ, जिसके बाद उन्होंने श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के साथ एक बंद कमरे में बैठक की। फिर दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच बातचीत हुई और 11:30 बजे महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा पीएम मोदी ने वर्चुअल माध्यम से कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।

दोपहर में उन्होंने भारतीय शांति सेना के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और शाम को श्रीलंका के गणमान्य नागरिकों के साथ ताज समुद्र होटल में मुलाकात की। रात 7:30 बजे राष्ट्रपति डिसानायके ने उनके सम्मान में भोज का आयोजन किया।

निष्कर्ष: एक नई शुरुआत की ओर

पीएम मोदी की यह यात्रा भारत और श्रीलंका के रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ रही है। यह यात्रा केवल राजनयिक औपचारिकता नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय सहयोग की दिशा तय करने वाला कदम है। श्रीलंका की रणनीतिक स्थिति, भारत की विकास साझेदारी और दोनों देशों के साझा हित मिलकर इस क्षेत्र को स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि की ओर ले जा सकते हैं।

इस दौरे के माध्यम से भारत ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ न केवल सहयोग चाहता है, बल्कि जिम्मेदारी भी निभाना जानता है। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल से यह उम्मीद की जा रही है कि भारत-श्रीलंका संबंध और भी मजबूत होंगे और साथ ही दक्षिण एशिया में भारत की भूमिका और प्रभाव को भी नई मजबूती मिलेगी।

FAQs

Q1. पीएम मोदी का श्रीलंका दौरा कब हुआ?

A1. पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका का दौरा शनिवार को अपने तीसरे कार्यकाल में पहली बार किया।

Q2. इस दौरे का मुख्य उद्देश्य क्या है?

A2. इस दौरे का उद्देश्य रक्षा, ऊर्जा, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है।

Q3. क्या इस दौरे में कोई बड़ा समझौता हुआ है?

A3. हां, भारत और श्रीलंका के बीच एक 120 मेगावॉट सोलर पावर प्लांट को लेकर बड़ा समझौता हुआ है।

Q4. पीएम मोदी को श्रीलंका में किस तरह का सम्मान मिला?

A4. उन्हें पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर के साथ भव्य स्वागत दिया गया।

Q5. श्रीलंका के राष्ट्रपति का भारत के प्रति रुख क्या है?

A5. राष्ट्रपति अनुरा कुमारा डिसानायके ने भारत की सहायता को सकारात्मक और प्रभावशाली बताया है, खासकर आर्थिक संकट के समय में।

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