राहुल को विकेट के पीछे से मिला जीत का फॉर्मूला! T20 क्रिकेट में जब बल्लेबाज़ी की बात आती है, तो पिच की प्रकृति और मैदान के आयाम (Dimensions) एक बड़ा अंतर पैदा करते हैं। दिल्ली कैपिटल्स (DC) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच हुए गुरुवार के मैच में कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जहां केएल राहुल ने विकेट के पीछे 20 ओवर बिताकर पिच को बारीकी से समझा और फिर उसी समझ का फायदा उठाकर 53 गेंदों में नाबाद 93 रनों की धमाकेदार पारी खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई।
विकेटकीपिंग ने किया पिच को समझने में मदद
बेंगलुरु के खिलाड़ी होने के नाते केएल राहुल को इस मैदान की परिस्थितियों की अच्छी जानकारी है। उन्होंने अपने करियर का अधिकांश समय इसी शहर में क्रिकेट खेलते हुए बिताया है। इसके बावजूद उन्होंने यह माना कि इस बार की पिच थोड़ी ‘ट्रिकी’ यानी चुनौतीपूर्ण थी।
राहुल ने मैच के बाद कहा, “यह पिच थोड़ी चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन मुझे जो सबसे ज्यादा मदद मिली, वह यह थी कि मैंने विकेट के पीछे 20 ओवर खड़े होकर देखा कि गेंद कैसे व्यवहार कर रही है।”
उन्होंने यह भी बताया कि पिच दो गति वाली नहीं थी, लेकिन गेंद थोड़ा रुककर आ रही थी। इसी वजह से उन्होंने शुरू से ही आक्रामक शुरुआत करने का फैसला लिया, जिससे वह पिच के अनुसार खुद को ढाल सकें।
नंबर 4 पर खेलते हुए संभाली पारी
चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के खिलाफ पिछले मैच में राहुल ने ओपनिंग की थी, लेकिन इस मैच में फाफ डु प्लेसिस की वापसी के चलते उन्हें नंबर 4 पर भेजा गया। जब राहुल बल्लेबाज़ी के लिए आए, तब दिल्ली की हालत 10 रन पर 2 विकेट हो चुकी थी। नौवें ओवर तक स्कोर 58/4 था। राहुल ने शुरुआत में दो शानदार चौके लगाए, लेकिन वह 29 गेंदों पर 29 रन ही बना सके थे। इसके बाद उन्होंने गियर बदला और अगले 24 गेंदों में 64 रन ठोक डाले।
उन्होंने कहा, “मुझे पता था कि कौन से ‘पॉकेट्स’ हैं जहां मैं बड़े शॉट मार सकता हूं। विकेटकीपिंग के दौरान मुझे यह देखने को मिला कि अन्य बल्लेबाज़ों को कहाँ-कहाँ पर आउट किया गया और कहाँ उन्होंने छक्के मारे।”
RCB की खराब बल्लेबाज़ी और खराब पिच पर सवाल
RCB के बल्लेबाज़ शुरुआत में तो लय में दिखे। पहले 3.4 ओवर में टीम ने 61 रन बना लिए थे। लेकिन इसके बाद 13.3 ओवरों में 7 विकेट गिर गए और टीम 125/7 पर सिमट गई। DC के कुलदीप यादव और विप्रज निगम की स्पिन जोड़ी ने शानदार गेंदबाज़ी की।
RCB के बैटिंग कोच दिनेश कार्तिक ने पिच को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस बार की IPL में उन्हें अच्छे बल्लेबाज़ी वाले पिच नहीं मिल रहे हैं, जैसा पहले हुआ करता था।
“T20 में ज्यादा रन बनते हैं तो दर्शक खुश होते हैं, प्रसारणकर्ता भी खुश होते हैं। लेकिन अभी जो पिचें हमें मिली हैं, वो बल्लेबाज़ी के लिए बहुत कठिन रही हैं,” कार्तिक ने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि बल्लेबाज़ी करते समय स्ट्राइक रोटेट करना मुश्किल हो रहा है और बड़े शॉट खेलने में भी काफी परेशानी आ रही है।
RCB कप्तान राजत पाटीदार ने भी मानी गलती

RCB के कप्तान राजत पाटीदार ने भी माना कि उनकी टीम पिच और परिस्थितियों को सही से नहीं पढ़ सकी। उन्होंने कहा, “हमने सोचा था कि यह अच्छी बल्लेबाज़ी वाली पिच होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सभी बल्लेबाज़ों की मानसिकता ठीक थी, लेकिन 61/1 से 91/4 होना इस पिच पर स्वीकार्य नहीं है।”
निष्कर्ष
इस मैच ने यह साबित कर दिया कि केवल प्रतिभा ही नहीं, बल्कि परिस्थितियों को समझना और उनका सही उपयोग करना भी T20 क्रिकेट में बहुत मायने रखता है। केएल राहुल ने विकेट के पीछे से मिली जानकारी का उपयोग करते हुए न केवल खुद की बल्लेबाज़ी को धार दी, बल्कि अपनी टीम को जीत भी दिलाई। वहीं RCB के खिलाड़ी अनुभव की कमी और स्थिति को सही से ना पढ़ पाने के कारण एक बार फिर घरेलू मैदान पर मात खा बैठे।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल राहुल को विकेट के पीछे से मिला जीत का फॉर्मूला!
Q. केएल राहुल ने इतनी शानदार बल्लेबाज़ी कैसे की?
A. उन्होंने 20 ओवर विकेट के पीछे खड़े होकर पिच का मिजाज समझा और अपने शॉट्स उसी के अनुसार चुने। साथ ही, उन्होंने शुरुआत में आक्रामक होकर बाद में अपने गेम को एडजस्ट किया।
Q. क्या M. Chinnaswamy Stadium की पिच हमेशा से ऐसी रही है?
A. नहीं, आमतौर पर यह पिच बल्लेबाज़ों के लिए अनुकूल मानी जाती रही है। लेकिन इस बार की पिच थोड़ी स्लो और ट्रिकी थी।
Q. RCB की हार का मुख्य कारण क्या था?
A. बल्लेबाज़ों द्वारा पिच और परिस्थितियों को सही से ना पढ़ पाना, स्ट्राइक रोटेट करने में परेशानी, और गलत समय पर विकेट गंवाना, RCB की हार के मुख्य कारण बने।