लोकसभा चुनाव के बाद, भले ही INDIA ब्लॉक ने बीजेपी के बराबर दो राज्यों में सरकार बना ली हो, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र की हार उसे भारी पड़ रही है। सहयोगी दल कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं, जिससे आगे की राह काफी मुश्किल लग रही है।
बीजेपी का हिंदुत्व एजेंडा और लोकसभा चुनाव
बीजेपी का हिंदुत्व का एजेंडा लोकसभा चुनावों में फेल होता नजर आया। सबसे बड़ा झटका बीजेपी को फैजाबाद लोकसभा सीट पर लगा, जिसे विपक्ष अयोध्या की हार के तौर पर प्रचारित करने लगा। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संसद में दहाड़ते हुए बीजेपी को चुनौती दी थी। राहुल गांधी ने दावा किया था कि बीजेपी को गुजरात में भी हराएंगे, लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने उनके दावों पर सवाल खड़े कर दिए।
महाराष्ट्र चुनाव और ‘खेला’ का माहौल
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों ने ऐसा माहौल बना दिया है जैसे ‘खेला’ हो गया हो। 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी ने जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया था, जिसे बीजेपी ने हिंदुत्व के एजेंडे से न्यूट्रलाइज कर दिया था। लोकसभा चुनाव में जातीय राजनीति बीजेपी को भारी पड़ी और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में भारी झटका लगा।
विधानसभा चुनावों का परिणाम
लोकसभा चुनाव के बाद चार राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं, और तकनीकी तौर पर मुकाबला बराबरी पर छूटा है। जम्मू-कश्मीर और झारखंड में INDIA ब्लॉक की जीत हुई है, हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी ने बाजी मार ली है। अब बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे का असली परीक्षण दिल्ली विधानसभा चुनाव में होना है, जहां बीजेपी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के मुकाबले ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही है।
अयोध्या की हार के बाद भी हावी है हिंदुत्व एजेंडा
देश भर में एनडीए के शासन वाले 20 राज्यों में महाराष्ट्र ही ऐसा है जहां मुख्यमंत्री भी बीजेपी का ही है। महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव बीजेपी के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गये थे। हरियाणा में बीजेपी का प्रदर्शन उतना बुरा नहीं था, लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी बुरी तरह मात खा गई थी। अयोध्या की हार का धब्बा तो लग ही गया था, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र जीत कर बीजेपी ने साबित कर दिया है कि उसे हिंदुत्व के एजेंडे से पीछे हटने की जरूरत नहीं है।
दिल्ली में होगा हिंदुत्व एजेंडा का असली परीक्षण
दिल्ली विधानसभा का चुनाव ऐसे वक्त हो रहा है जब INDIA ब्लॉक के भीतर जबरदस्त टकराव हो रहा है। ममता बनर्जी और अखिलेश यादव राहुल गांधी से खफा हो गये हैं और कांग्रेस की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाये जा रहे हैं। हरियाणा के लिए भले ही राहुल गांधी पर तोहमत मढ़ी जा सकती है, लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेस महाविकास आघाड़ी में महज एक हिस्सेदार थी। फिर भी तृणमूल कांग्रेस के नेता कांग्रेस नेतृत्व को ही निशाना बना रहे हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व एजेंडा का असली परीक्षण होगा। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के मुकाबले बीजेपी और कांग्रेस दोनों खड़ी हैं। दिल्ली के लोग क्या फैसला सुनाते हैं, यह भविष्य में हिंदुत्व की राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है।
FAQ
Q. बीजेपी का हिंदुत्व एजेंडा लोकसभा चुनावों में क्यों फेल हुआ?
A. बीजेपी का हिंदुत्व एजेंडा लोकसभा चुनावों में फेल होता नजर आया, खासकर फैजाबाद लोकसभा सीट पर हार के बाद, जिसे विपक्ष ने अयोध्या की हार के रूप में प्रचारित किया। इससे बीजेपी की स्थिति कमजोर हुई और विपक्ष ने इसे चुनौती दी।
Q. हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों के परिणामों का बीजेपी पर क्या प्रभाव पड़ा?
A. हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों के परिणामों ने बीजेपी के लिए बहुत बड़ी चुनौती प्रस्तुत की। जबकि हरियाणा में बीजेपी का प्रदर्शन संतोषजनक था, महाराष्ट्र में उसे बुरी हार का सामना करना पड़ा, जिससे उसके हिंदुत्व एजेंडे पर सवाल उठने लगे हैं।
Q. दिल्ली विधानसभा चुनावों में हिंदुत्व एजेंडा का परीक्षण क्यों महत्वपूर्ण है?
A. दिल्ली विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व एजेंडे का परीक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह निर्धारित करेगा कि बीजेपी का यह एजेंडा कितना प्रभावी है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ मुकाबला और INDIA ब्लॉक के भीतर टकराव के बीच यह चुनाव बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।
Q. राहुल गांधी का जातीय जनगणना का मुद्दा कैसे बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडे से जुड़ा है?
A. राहुल गांधी ने जातीय जनगणना का मुद्दा उठाकर बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडे को चुनौती दी थी। लेकिन बीजेपी ने इसे न्यूट्रलाइज कर दिया, जिससे जातीय राजनीति ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भारी नुकसान पहुंचाया।
Q. INDIA ब्लॉक में टकराव का बीजेपी के लिए क्या परिणाम हो सकता है?
A. INDIA ब्लॉक में टकराव, जिसमें ममता बनर्जी और अखिलेश यादव जैसे नेता राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं, बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है। यदि यह टकराव जारी रहता है, तो यह बीजेपी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में फायदा पहुंचा सकता है।