क्रिकेट और हॉकी को कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से क्यों हटाया गया
कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से क्रिकेट और हॉकी को हटाने के निर्णय ने खेल की दुनिया में चर्चा पैदा कर दी है। इस निर्णय के पीछे कई कारण हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।
संरचना और आयोजन में बदलाव: कॉमनवेल्थ गेम्स की आयोजन समिति ने 2026 में प्रतियोगिताओं के स्वरूप में बदलाव करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव के तहत, कुछ खेलों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि अन्य खेलों को बाहर किया जा रहा है। यह निर्णय आयोजन की सुविधाओं और उपलब्ध संसाधनों के अनुसार लिया गया है।
अन्य खेलों को बढ़ावा देना: आयोजन समिति का उद्देश्य अन्य खेलों को बढ़ावा देना भी है, जैसे कि एथलेटिक्स, जूडो और कुश्ती। इससे प्रतियोगिता में विविधता आएगी और नए खेलों के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित होगा।
क्रिकेट और हॉकी की स्थिति: हालांकि क्रिकेट और हॉकी दुनिया के प्रमुख खेल हैं, लेकिन इन खेलों की लोकप्रियता और उपस्थिति को लेकर कुछ मुद्दे सामने आए हैं। क्रिकेट की तात्कालिकता के चलते, इसे एक सीमित समय में खेले जाने वाले खेल के रूप में देखा गया है, जिससे इसे कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए उपयुक्त नहीं माना गया।
खिलाड़ियों और देशों की भागीदारी: क्रिकेट और हॉकी में खिलाड़ियों और देशों की भागीदारी भी एक चिंता का विषय रही है। कई छोटे देशों के पास इन खेलों के लिए संसाधन और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है, जिससे वे प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं।
नवीनता की आवश्यकता: कॉमनवेल्थ गेम्स को प्रतिस्पर्धी और रोमांचक बनाए रखने के लिए नई खेलों और गतिविधियों को शामिल करने की आवश्यकता है। इससे युवा खिलाड़ियों को भी आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। निष्कर्ष: इस प्रकार, क्रिकेट और हॉकी को कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से हटाने का निर्णय कई कारकों पर आधारित है। यह निर्णय खेलों की संरचना, खिलाड़ियों की भागीदारी और प्रतियोगिता की विविधता को ध्यान में रखकर लिया गया है। आगे बढ़ते हुए, उम्मीद की जा रही है कि नए खेलों के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स में एक
भारत की पदक संभावनाओं को झटका: कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 में कई खेलों को हटाया गया
भारत की पदक संभावनाओं को कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 में बड़ा झटका लगा है, क्योंकि कई खेलों को आगामी टूर्नामेंट से हटा दिया गया है। क्रिकेट, हॉकी और शूटिंग जैसे खेलों को ग्लासगो गेम्स से हटा दिया गया है, और इसके पीछे कई कारण हैं।
ग्लासगो गेम्स आयोजकों ने 2026 की प्रतियोगिता को अधिक बजट-अनुकूल बनाने के लिए इसे सुव्यवस्थित किया है। उन्होंने 2022 के बर्मिंघम गेम्स में 19 खेलों की तुलना में ग्लासगो 2026 के लिए खेलों की संख्या को केवल 10 तक सीमित कर दिया है। यह निर्णय तब लिया गया जब स्कॉटलैंड ने 2026 गेम्स की मेज़बानी का प्रस्ताव रखा, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने बढ़ती लागत के कारण पीछे हटने का फैसला किया।
प्रमुख कारण: बजट में कटौती: आयोजकों ने प्रतियोगिता के खर्च को कम करने के लिए कई खेलों को हटाने का निर्णय लिया है। इससे आयोजन की लागत में कमी आएगी। प्रतिस्पर्धा की विविधता: खेलों की संख्या कम करने का एक और उद्देश्य प्रतियोगिता में अधिक प्रतिस्पर्धात्मकता और उत्साह लाना है।
ऑस्ट्रेलिया का पीछे हटना: ऑस्ट्रेलिया द्वारा गेम्स की मेज़बानी से पीछे हटने के बाद, स्कॉटलैंड ने इन खेलों की मेज़बानी की जिम्मेदारी ली, जिससे आयोजकों को नई योजनाएँ बनानी पड़ीं। इस प्रकार, भारत को अब पदक की उम्मीदें पूरी करने के लिए नए दृष्टिकोण अपनाने होंगे। यह बदलाव न केवल भारत, बल्कि सभी प्रतिभागी देशों के लिए एक चुनौती होगी।
ग्लासगो में खेलों के चयन की प्रक्रिया: कौन से खेल हटाए गए और क्यों? ग्लासगो ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 में शामिल किए जाने वाले खेलों का चयन करने के लिए एक विचारशील प्रक्रिया अपनाई। जब खेलों को हटाने का निर्णय लिया गया, तो यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या यह मेज़बान के लिए लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया या वास्तव में एक उचित प्रक्रिया का पालन किया गया।
निष्कर्ष: इस प्रकार, ग्लासगो ने खेलों के चयन के लिए एक प्रक्रिया का पालन किया जो केवल मेज़बान के लाभ के लिए नहीं थी, बल्कि एक समग्र दृष्टिकोण से खेलों की गुणवत्ता और आर्थिक प्रबंधन पर केंद्रित थी। यह कदम कॉमनवेल्थ गेम्स को नए स्तर पर पहुंचाने और सभी प्रतिभागियों के लिए एक रोमांचक अनुभव बनाने के लिए आवश्यक था।