Jagjit Singh ने अपने करियर में अपनी आवाज से कई गजलों को और भी सुंदर बनाया, लेकिन उन्होंने फिल्मी गानों से भी नाम कमाया।
Jagjit Singh की मृत्यु की वर्षगांठ: राजस्थान के गंगानगर में जन्मे गजलों के महारथी जगजीत सिंह ने अपने करियर में कई शानदार गजलें बनाई हैं। 10 अक्टूबर 2023 को, प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह को 12 वर्ष की उम्र हो गई। 10 अक्टूबर 2011 को उनका देहावसान हुआ। वह आज नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज जीवित है। उनकी गजल और आवाज आज भी लोगों के जेहन में हैं। वह अपनी आवाज के जादू के लिए कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित हुआ।
यही कारण है कि हम उनके जीवन के कुछ रहस्यों को जानेंगे।
जब उनके पिता ने सिख धर्म अपनाया, जगजीत सिंह का नाम पहले जगमोहन था। वह एक प्रसिद्ध शिक्षक थे और अपने धर्म में दृढ़ थे. वे जगजीत सिंह को संगीत सिखाना चाहते थे और गुरुवाणी पढ़ाना चाहते थे। वे चाहते थे कि उनका बेटा जगमोहन गुरुद्वारों में शबद कीर्तन करे, इसलिए उन्होंने जगजीत सिंह को संगीत की बाकायदा शिक्षा दी। एक बार जगमोहन ने फिल्मी गीत बोलते हुए पिता को जमकर पिटाया।
जगजीत ने परिवार को बताए बिना मुंबई चले गए।
1961 में जगजीत सिंह ने ऑल इंडिया रेडियो पर गाना शुरू किया था. उन्होंने पहले पंडित छगन लाल शर्मा और फिर उस्ताद जमाल खान से संगीत सीखा था। लंबे समय तक ऑल इंडिया रेडियो में काम करने के बाद जगजीत अपने परिवार को नहीं बताया कि वह कुछ बड़ा करने के लिए मुंबई चला गया।
1980 में आई एल्बम की लोकप्रियता
1980 में जगजीत सिंह का एल्बम द लेटेस्ट रिलीज़ हुआ था। वो कागज की कश्ती… वो बारिश का पानी, इस एल्बम का गाना, एक बड़ा हिट साबित हुआ।इस गाने ने जगजीत को हर किसी का दीवाना बना दिया। यह एल्बम उनके जीवन का सर्वश्रेष्ठ सेलिंग एल्बम था। विमान की लैंडिंग चार घंटे बाद हुई थी।
पाकिस्तान इंटरनेशनल (PIA) के विमान से प्रसिद्ध गजलकार जगजीत सिंह एक बार कराची से दिल्ली लौट रहे थे। जब जगजीत सिंह का पता चला तो उन्होंने विमान कर्मियों से कहा कि वे उन्हें कुछ गजलें सुनाएं। उस दिन पाआईए के विमान ने निर्धारित समय से आधे घंटे देर से दिल्ली के हवाई अड्डे पर लैंडिंग की, लेकिन जगजीत सिंह ने इसे मान लिया और विमान के पायलट ने कंट्रोल रूम से कहा कि वे विमान को आधे घंटे तक हवा में ही रखेंगे।
70वें जन्मदिन पर 70 कॉन्सर्ट का अनुबंध
2011 में जगजीत सिंह ने 70 वर्ष पूरे किए। इस जन्मदिन को मनाने के लिए गजल किंग ने सत्तर कॉन्टर्स लिखे। सिंगर ने यूके, सिंगापुर और मोरिशस में शो करने के बाद मुंबई में गुलाम अली के साथ शो करने वाले थे, हालांकि इससे पहले उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था। गजल किंग ने 10 अक्टूबर, 2011 को मुंबई के लीलीवती अस्पताल में दो हफ्तों की कोमा में रहने के बाद दम तोड़ दिया।